प्यासा कौवा और उसकी बुद्धिमानी 🐦💧
एक बार की बात है, गर्मी का मौसम था। सूरज आग उगल रहा था, और चारों तरफ तपिश फैली हुई थी। एक कौवा बहुत देर से आकाश में उड़ रहा था, लेकिन उसे कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था। उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी, और अब वह थक भी गया था।
🏺 एक पुराना घड़ा
तभी उसने दूर एक पेड़ के नीचे एक मिट्टी का घड़ा देखा। उसे उम्मीद जगी और वह तुरंत वहां उड़कर पहुंचा। उसने घड़े में झांका, लेकिन उसमें बहुत कम पानी था। उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुंच सकती थी।
कौवा बहुत परेशान हुआ। उसने सोचा, "अब क्या करूं? अगर मुझे जल्दी पानी नहीं मिला, तो मैं प्यास से मर जाऊंगा।" लेकिन तभी उसे एक तरकीब सूझी।
🪨 बुद्धिमानी से हल निकाला
वह इधर-उधर देखने लगा। उसे पास ही कुछ छोटे-छोटे कंकड़ दिखे। उसने जल्दी से एक कंकड़ उठाया और घड़े में डाल दिया। फिर दूसरा, फिर तीसरा... धीरे-धीरे घड़े में कंकड़ों की संख्या बढ़ती गई, और पानी ऊपर आने लगा।
कौवे ने लगातार मेहनत की और थोड़ी देर में पानी इतना ऊपर आ गया कि वह अपनी चोंच डालकर आराम से पी सके। उसने तृप्त होकर पानी पिया, अपनी प्यास बुझाई और फिर खुशी-खुशी उड़ गया।
🐦💡 कहानी से सीख:
1️⃣ बुद्धि और धैर्य से बड़ी से बड़ी समस्या हल की जा सकती है।
2️⃣ जल ही जीवन है, हमें पानी की बचत करनी चाहिए।
3️⃣ मुश्किल समय में हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए।
"जहां चाह, वहां राह!"