मगरमच्छ, उसकी पत्नी और चालाक बंदर 🐊🐵
बहुत समय पहले की बात है, एक बड़ी नदी के किनारे एक मगरमच्छ 🐊 और उसकी पत्नी रहती थी। उसी नदी के पास एक घना पेड़ 🌳 था, जिस पर एक चालाक और हंसमुख बंदर 🐵 रहता था।
बंदर बहुत दोस्ताना स्वभाव का था। वह रोज़ पेड़ से मीठे फल 🍎 तोड़ता और मगरमच्छ को भी खिलाता। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हो गई।
पत्नी का लालच 😈
एक दिन मगरमच्छ की पत्नी ने कहा, "तुम रोज उस बंदर से मिलते हो और उसके दिए हुए मीठे फल खाते हो। सोचो, अगर वो इतने स्वादिष्ट फल खाता है, तो उसका दिल कितना मीठा होगा!"
मगरमच्छ ने पहले तो हंसकर बात टाल दी, लेकिन उसकी पत्नी जिद करने लगी, "मुझे बंदर का दिल चाहिए! अगर तुम सच में मुझसे प्यार करते हो, तो उसे मेरे लिए ले आओ।" 😡
मगरमच्छ की चालाकी 🎭
बेचारा मगरमच्छ अपने दोस्त को धोखा नहीं देना चाहता था, लेकिन पत्नी को भी नाराज़ नहीं कर सकता था। उसने एक योजना बनाई।
अगले दिन मगरमच्छ बंदर के पास गया और बोला, "मेरा घर नदी के दूसरे किनारे पर है। मेरी पत्नी ने तुम्हारे बारे में बहुत सुना है और वह तुमसे मिलना चाहती है। क्या तुम मेरे साथ चलोगे?"
बंदर बहुत भोला था, उसने तुरंत हां कर दी। मगरमच्छ उसे अपनी पीठ पर बैठाकर नदी के बीचों-बीच ले आया। तभी उसने कहा, "दरअसल, मेरी पत्नी तुम्हारा दिल खाना चाहती है, इसलिए मैं तुम्हें ले जा रहा हूं!" 😈
बंदर की होशियारी 🧠
बंदर यह सुनकर चौंक गया 😨, लेकिन उसने खुद को शांत रखा और चतुराई से कहा, "अरे भाई! अगर तुम्हें मेरा दिल चाहिए तो तुमने पहले क्यों नहीं बताया? मैं तो अपना दिल पेड़ पर छोड़ आया हूं। चलो, वापस चलते हैं, मैं तुम्हें दिल लाकर देता हूं!"
मगरमच्छ को यह बात सच लग गई और वह बंदर को वापस ले आया। जैसे ही वे किनारे पहुंचे, बंदर झट से पेड़ पर चढ़ गया और हंसते हुए बोला, "मूर्ख मगरमच्छ! कोई अपना दिल शरीर के बाहर रख सकता है क्या?" 😂
मगरमच्छ को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह शर्मिंदा होकर चुपचाप पानी में लौट गया। उसकी पत्नी को भी बहुत गुस्सा आया, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था।
सीख (Moral of the Story) 📖
✅ बुद्धिमानी और चतुराई से हम किसी भी मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
✅ दूसरों की झूठी बातों में आकर अपने सच्चे दोस्त को धोखा नहीं देना चाहिए।
✅ लालच का अंजाम हमेशा बुरा ही होता है
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