होशियार किसान और चालाक लोमड़ी 🦊🌾
एक गाँव की कहानी
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में रामू नाम का एक मेहनती किसान 👨🌾 रहता था। वह बहुत ईमानदार और परिश्रमी था। उसका एक छोटा-सा खेत था, लेकिन वह उसे बड़े प्रेम से सँभालता था। वह रोज़ सुबह उठकर अपने खेत की देखभाल करता, फसल को पानी देता और खरपतवार हटाता। उसकी मेहनत का ही नतीजा था कि उसके खेत की फसल हमेशा लहलहाती रहती थी।
लेकिन एक परेशानी थी जो रामू को हमेशा चिंतित रखती थी—एक चालाक लोमड़ी 🦊! वह रोज़ रात को उसके खेत में घुस जाती और फसल को नुकसान पहुँचा देती। रामू ने उसे कई बार भगाने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत चतुर थी और हर बार बच निकलती।
🌙 हर रात की मुसीबत
रामू को हर दिन अपने खेत में लोमड़ी के पंजों के निशान और बर्बाद फसल दिखती थी। कभी-कभी तो वह उसके फल और अनाज भी चुरा ले जाती। रामू को बहुत गुस्सा आता, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाता।
गाँव के लोग उसे सलाह देते, "क्यों न तुम खेत के चारों ओर एक ऊँची बाड़ बना दो?"
लेकिन रामू जानता था कि लोमड़ी बहुत चालाक है। वह किसी न किसी तरह खेत में घुस ही जाएगी। उसे ऐसी योजना बनानी थी जिससे लोमड़ी को सबक सिखाया जा सके।
🧠 किसान की होशियारी
एक दिन रामू ने एक चालाकी भरी योजना बनाई। उसने खेत के चारों ओर काँटेदार झाड़ियाँ लगाईं 🌿, ताकि लोमड़ी आसानी से अंदर न आ सके। लेकिन सिर्फ़ इतना ही काफ़ी नहीं था। उसने खेत के बीच में एक गहरा गड्ढा खोदा और उसे पत्तों से ढक दिया 🍂, ताकि लोमड़ी को वह न दिखे।
अब वह इंतज़ार करने लगा...
रात होते ही लोमड़ी हमेशा की तरह आई। उसने खेत में घुसने का रास्ता खोजा, लेकिन झाड़ियों की वजह से सीधे अंदर नहीं जा सकी। थोड़ी देर इधर-उधर घूमने के बाद उसने एक जगह से छलांग लगाई और सीधे गड्ढे में गिर गई! 😲
🙏 लोमड़ी की मिन्नतें
लोमड़ी गड्ढे में फँस गई और डर के मारे कांपने लगी। उसने किसान से विनती की, "मुझे यहाँ से बाहर निकाल दो! मैं वादा करती हूँ कि अब कभी तुम्हारे खेत में नहीं आऊँगी।"
रामू को उस पर भरोसा नहीं था, लेकिन उसने सोचा, "अगर मैं इसे सबक सिखा दूँ तो यह फिर कभी मेरी फसल को नुकसान नहीं पहुँचाएगी।"
उसने लोमड़ी से कहा, "अगर तुम कसम खाओ कि आगे से कभी चोरी नहीं करोगी और गाँव के किसी भी किसान को परेशान नहीं करोगी, तो मैं तुम्हें छोड़ सकता हूँ।"
लोमड़ी ने तुरंत सिर हिलाया और कहा, "मैं वादा करती हूँ कि अब कभी किसी का नुकसान नहीं करूँगी।"
रामू को लगा कि लोमड़ी ने सच में अपनी गलती समझ ली है। उसने गड्ढे में एक लंबी लकड़ी डाली, जिससे लोमड़ी बाहर आ गई। वह भागते हुए जंगल की ओर चली गई और फिर कभी किसान के खेत में नहीं आई। 🌳
🌟 सीख (Moral of the Story)
1️⃣ बुद्धिमत्ता से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है। 🧠💡 2️⃣ चालाकी से बचने के लिए होशियार बनना ज़रूरी है। 🧐 3️⃣ मेहनत और ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है। 🌱
🔚 निष्कर्ष
रामू की समझदारी और धैर्य ने उसे जीत दिलाई। अगर उसने गुस्से में आकर जल्दबाजी में कोई कदम उठाया होता, तो शायद वह सफल नहीं हो पाता। लेकिन उसने सूझबूझ से योजना बनाई और चालाक लोमड़ी को मात दी। इसी तरह, हमें भी अपनी परेशानियों को समझदारी से हल करने की कोशिश करनी चाहिए।
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