चतुर गीदड़ और शेर – बुद्धि बल से बड़ी होती है! 🦊🦁
बहुत समय पहले की बात है, एक घने जंगल में एक शक्तिशाली शेर रहता था। वह इतना खूँखार था कि जंगल के सभी जानवर उससे डरते थे। शेर जब भी शिकार के लिए निकलता, तो किसी न किसी जानवर की जान जरूर चली जाती। उसकी दहाड़ से जंगल गूंज उठता और सभी जानवर डरकर अपने-अपने बिलों और घोंसलों में छिप जाते।
🔹 जानवरों की परेशानी
शेर के अत्याचार से जंगल के सभी जानवर बहुत परेशान थे। वे जानते थे कि अगर शेर इसी तरह शिकार करता रहा, तो जल्द ही जंगल में कोई भी जानवर नहीं बचेगा। आखिरकार, एक दिन जंगल के सारे जानवर इकट्ठे हुए और उन्होंने एक उपाय निकालने का फैसला किया।
बड़े-बड़े हाथी 🐘, चालाक लोमड़ियाँ 🦊, तेज़ दौड़ने वाले हिरण 🦌, नन्हे खरगोश 🐇, और सभी छोटे-बड़े जानवर मिलकर शेर के पास गए और विनम्रता से बोले—
"महाराज, आप हमारे राजा हैं और हमें आपकी शक्ति पर गर्व है। लेकिन अगर आप इसी तरह रोज़ शिकार करेंगे, तो जल्दी ही जंगल में कोई भी नहीं बचेगा।"
शेर ने गुर्राते हुए कहा—
"तो मैं क्या करूँ? मुझे भूख लगती है, और मैं राजा हूँ!"
तब जानवरों ने कहा—
"महाराज, हम रोज़ आपको एक जानवर भेज दिया करेंगे, जिससे आपको शिकार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन आप जंगल में खुद शिकार करना बंद कर दीजिए।"
शेर को यह प्रस्ताव पसंद आया। उसने कहा—
"ठीक है! लेकिन याद रखना, अगर किसी दिन मेरा भोजन समय पर नहीं आया, तो मैं जितने चाहूँगा, उतने जानवरों को मार दूँगा!"
सभी जानवर डर के मारे सहम गए और उन्होंने इस शर्त को मान लिया।
🔹 चालाक गीदड़ की बारी
अब हर दिन जंगल से एक जानवर शेर को खाने के लिए भेजा जाने लगा। एक दिन, यह बारी गीदड़ की आई। 🦊
लेकिन गीदड़ बहुत चालाक और होशियार था। उसे अपनी जान बचाने का एक तरीका सूझा।
वह धीरे-धीरे चलते हुए शेर के पास देर से पहुँचा। शेर बहुत गुस्से में था और जोर से दहाड़ा—
"क्यों रे गीदड़! तू इतनी देर से क्यों आया? अब मैं तुझे कच्चा चबा जाऊँगा!"
गीदड़ डरने का नाटक करते हुए कांपने लगा और बोला—
"महाराज, मुझे माफ कर दीजिए! मैं समय पर आ रहा था, लेकिन रास्ते में मुझे एक और शेर मिल गया। उसने मुझे रोक लिया और कहा कि अब वह इस जंगल का असली राजा है! उसने मुझे धमकी दी कि मैं आपको बता दूँ कि अब से यह जंगल उसका है।"
शेर यह सुनकर क्रोधित हो गया—
"कौन है वह ढीठ शेर? मैं अभी उसे सबक सिखाता हूँ!"
गीदड़ बोला—
"महाराज, वह कुएँ में छिपा है! अगर आप चाहें तो उसे देख सकते हैं!"
🔹 गीदड़ की चालाकी
शेर को यह सुनकर और भी गुस्सा आ गया। वह फौरन गीदड़ के साथ कुएँ के पास पहुँचा। गीदड़ ने इशारा करके कहा—
"महाराज, देखिए! वह शेर अंदर बैठा है और आपको घूर रहा है!"
शेर ने जैसे ही कुएँ में झाँका, उसे अपनी ही परछाई पानी में दिखाई दी। उसे लगा कि कुएँ के अंदर सच में कोई और शेर है। उसने गुस्से में ज़ोर से दहाड़ लगाई, तो कुएँ में उसकी आवाज़ गूँज उठी। शेर को लगा कि दूसरा शेर भी उसे दहाड़कर जवाब दे रहा है।
गुस्से में उसने कुएँ में छलांग लगा दी और सीधा पानी में जा गिरा। कुएँ की दीवारें चिकनी थीं, इसलिए वह बाहर नहीं निकल सका और डूबकर मर गया। 💦
🔹 जंगल में खुशी की लहर
जब गीदड़ ने यह खबर जंगल के बाकी जानवरों को दी, तो सभी जानवर खुशी से झूम उठे। 🎉 अब वे बिना किसी डर के जंगल में घूम सकते थे। सभी जानवरों ने मिलकर गीदड़ की होशियारी की तारीफ की और उसका आभार प्रकट किया।
💡 कहानी से सीख (Moral of the Story)
✅ बुद्धि बल से बड़ी होती है।
✅ संकट में घबराने के बजाय, दिमाग से काम लेना चाहिए।
✅ झूठे घमंड और गुस्से में व्यक्ति खुद ही अपने विनाश का कारण बनता है।
क्या आपको यह कहानी पसं
द आई? 😊 अगर हाँ, तो ऐसी और मज़ेदार कहानियों के लिए बताइए! 📖✨